Thursday, March 27, 2008

cuplets

जीवन की धारा मुडे पाकर सदगुरु संग ,
कलुषित मन निर्मल बने ,पुलकित हो हर अंग //

सुख दुःख में जो सम रहे , प्रभू से करता प्यार ,
बाल न बांका कर सके ,उसका ये संसार //

1 comment:

kpsingh said...

marvellous job.Keep it up.
{ROHIT KUMAR SINGH From -Meerut}